ॐ श्री गुरुवे नम:
ॐ श्री गणेशाय नमः
ॐ श्री राधा कृष्णाय नमः
हमारे प्यारे मित्रों और पाठकों, आप सभी को INNOCENT ARTICLES की टीम की तरफ से शुभ प्रभात और नए वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं। आज इस नए वर्ष के आरंभ में हम अपने कुछ विचार आप सबके साथ व्यक्त करना चाहते हैं। आप सभी से आग्रह है कि इन विचारों को ध्यानपूर्वक पढ़ें और यदि कोई त्रुटि हो तो हमें क्षमा करें और COMMENTS के माध्यम से हमें सूचित करें।
एक वर्ष में 365 दिन होते हैं पर सभी वर्ष कैसे बीत जाते है यह हमें पता भी नहीं चल पाता। समय की इतनी तीव्र रफ्तार हमारी समझ और पकड़ से परे है। यह वर्ष किसी के लिए बहुत ही अच्छा गुज़रता है तो किसी के लिए बहुत बुरा। जिनके दिन बीते साल अच्छे गए थे वे लोग इस दिन यह कामना करते हैं की उन्हें आने वाले साल में ऐसी खुशियाँ मिलती रहें और जिनके साथ बुरा या दुखदायी हुआ था वो भी वही कामना करते हैं। इसका सही अर्थ यह है की इस दिन हर कोई एक नये उमंग के साथ एक नयी शुरुवात करने की सोचते हैं। यह वो समय होता है जब हम मुश्किलों का हल ढूँढ़ते हैं। यह वो समय है जब हम लोग कुछ अच्छा सोचते हैं अपने सफलता के लिए नया लक्ष्य देखते हैं। इस दिन हर किसी व्यक्ति के मन में एक सकारात्मक भावना की लहर होती है। अपने पुराने नकारात्मक विचारों को हर कोई छोड़ कर कुछ अच्छा और सुनहरा करने की शुरुवात में लग जाते हैं। नए वर्ष की शुरुवात पूरे हर्षो उल्लास के साथ होती है। पर क्या सच में ये हर्ष की बात है? अगर आपने अपने बैंक खाते से 1 लाख में से 50 हज़ार रुपए खर्च कर लेते हैं तो क्या आप खुशियां मनाते हैं? बिल्कुल नहीं। ठीक वैसे ही हमारी उम्र में से एक साल कम हो जाता है तो ये हर्ष का विषय कहां?
दरअसल हमें उदास भी नहीं होना है और ना ही अधिक हर्ष मनाना है। हमें अपना आत्म निरीक्षण करना चाहिए कि हमने गत वर्ष में क्या गलतियां और भूल की। गत वर्ष की जनवरी माह से लगाकर दिसंबर माह तक प्रत्येक माह में की जाने वाली गलतियां। गलतियां चाहे भौतिक जगत की हों या आध्यात्मिक जगत की। हमें उनका निरीक्षण करके दृढ़ संकल्प के साथ शपथ लेते हुए उन्हें दुबारा ना करने की और उन्हें पूर्ण रूप से सुधारने की हर संभव कोशिश करनी चाहिए जिससे कि हमारा नया वर्ष और आगे कि अवधि भी सुखमय बीते। हमारे दूसरे के साथ संबंध अच्छे रहें। राग और द्वैष को मिटाकर प्रेम की राह में चलें। प्रयास करें की इस नव वर्ष में पहला स्मरण हमारे प्रभु का हो, जिनकी असीम कृपा से हम सब स्वस्थ और जीवित हैं तथा जो संसार को प्रतिक्षण चलाय मान रखते हैं। इसके बाद आप भौतिक जगत के संपर्क में आएं।
आप अपने लक्ष्य की ओर तीव्रता के साथ बढ़ें क्यों कि क्षण भंगुर जीवन की कलिका, को जाने कल प्रात खिलै की ना खिलै! जैसे परीक्षा में विद्यार्थी दिए गए समय में ही प्रश्नपत्र हल करता है कल या अगले पल के लिए नही टालता, ठीक वैसे ही हमें भी पता नहीं है कि हम इस पूरे वर्ष तक रहेंगे भी या नहीं। काल एक सेकंड तक के लिए भी समय नहीं देता इसलिए यथोचित तरीके से तीव्रता से अपने लक्ष्य को अंजाम देने को कोशिश करें प्रतिक्षण तैयारी के साथ रहें। इससे आपके लोक और परलोक दोनों सुखद रहेंगे। भौतिक जगत भी सुखमय रहेगा और उधेड़बुन में नहीं बीतेगा। भौतिक जगत में आपके लक्ष्य कुछ भी हो सकते हैं जैसे पारिवारिक तालमेल, नौकरी अथवा कोई बड़ा लक्ष्य । इसलिए गलत आचार विचार या आदतें छोड़ देने का प्रयत्न करें। उपर्युक्त बातें सभी के लिए लागू होती हैं।
आध्यात्मिक जगत में, भक्त जन ये निरीक्षण करें की उन्होंने कितनी दूरी तय की अर्थात प्रभु की ओर पूरे वर्ष में कितने कदम बढ़ाए। उनमें क्या भूल हुईं उनका अवलोकन करें तथा अपने पूज्य गुरुवर या अनुरक्त साधक से यथोचित समाधान लेवें। मन की मनमानी को रोकने का प्रयत्न करें। मन को प्रभु में लगाएं, लगाने से ही लगेगा। वरना तो हम दिन भर संसार का ही चिंतन करते हैं तो मन भगवान की ओर क्यों लगेगा? वो तो स्वाभाविक रूप से संसार में ही लगेगा। इसलिए इस आस में ना बैठें की अपने आप समय के साथ लगने लगेगा। उसे भगवान में लगाने का प्रयास करें थोड़ा समय लगेगा पर एक दिन लगने लग जायेगा। और जब मन भगवान मे लग जाएगा तो कुछ
ही समय में शरणागति भक्ति साधन के द्वारा अंत: करण भी शुद्ध हो जाएगा। परिणाम स्वरूप आपके गुरुवर की स्वरूप शक्ति द्वारा आपका परम कल्याण निश्चित उसी क्षण हो जाएगा और आपको भगवत्प्राप्ति भी हो जाएगी और आप फिर अनंत काल के लिए प्रभु के हो जाएंगे और आप सदा के लिए जीवन मुक्त जाएंगे!

नव वर्ष की हर्षित बेला पर, खुशियां मिले अपार…
यश,कीर्ति, सम्मान मिले, और बढे सत्कार…
शुभ-शुभ रहे हर दिन हर पल, शुभ-शुभ रहे विचार…
उत्साह बढे चित चेतन में, निर्मल रहे आचार…
सफलतायें नित नयी मिले, बधाई बारम्बार…
मंगलमय हो कारज आपके, सुखी रहे परिवार…!
नव वर्ष 2021 की हार्दिक शुभकामनाएं !
